Pitar Chalisa PDF Download

नमस्ते दोस्तों आप सभी का pdfkiduniya.in वेबसाइट में स्वागत है आज हम आपको Pitar Chalisa PDF Download करने की प्रक्रिया के विषय में जानकारी प्रदान करेंगे l हिन्दू धर्म में सदियों से अपने पितरो को प्रसन्न करने के लिए पूजा, पाठ, हवन इत्यादि कर्मकांड किया जाता है l ऐसे ही इस लेख में हम आपको Pitar Chalisa PDF Download कर प्रदान करेंगे l

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Pitar Chalisa PDF Download Summery

स्नातक धर्म में सदियों से अपने पितरो को पूजने की प्रथा चली आ रही है l इसी प्रथा के तहत आप सभी लोग अपने परम पूज्य पितर जी का पाठ कर उन्हें प्रसन्न कर सकते है और मन चाहा आशीर्वाद पा कर अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकते है l तो चलिए दोस्तों आज हम आपको Pitar Chalisa PDF Download करने की प्रक्रिया और पीडीएफ उपलब्ध कराते है l

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|| दोहा ||

हे पितरेश्वर आपको दे दियो आशीर्वाद l

चरणाशीश नवा दियो रखदो सर पर हाथ l

सबसे पहले गनपत पाछे घर का देव मनवा जी l

हे पितरेश्वर दया रखियो, करियो मन की चाया जी ll

|| चौपाई ||

पितरेश्वर करो मार्ग उजागर, चरण रज की मूक्ति सागर l

परम उपकार पितेश्वर कीन्हा, मनुष्य योणि में जन्म दीन्हा l

मातृ-पितृ देव मन जो भावे, सोई अमित जीवन फल पावे l

जय-जय-जय पित्तर जी साईं, पितृ ऋण बिन मुक्ति नाही l

चारो और प्रताप तुम्हारा, संकट में तेरा ही सहारा l

नारायणा आधार सृष्टि का, पित्तरजी अंश उसी दृष्टि का l

प्रथम पूजन प्रभु आज्ञा सुनाते, भाग्य द्वार आप ही खुलवाते l

झुंझुनू में दरबार है सजे, सब देवो संग आप विराजे l

प्रसन्न होय मनवांछित फल दीन्हा, कुपित होय बुद्धि हर लीन्हा l

पित्तर महिमा सबसे न्यारी, जिसका गुनगावे नर नारी l

तीन मंद में आप बिराजे, बासु रूद्र आदित्य में साजे l

नाथ सकल सम्पदा तुम्हारी, मै सेवक समेत सूत नारी l

छप्पन भोग नहीं है भाते, शुद्ध जल से ही तृप्त हो जाते l

तुम्हारे भजन परम हितकारी, छोटे बड़े सभी अधिकारी l

भानु उदय संग आप पुजवाई पञ्च अंजुली जल रिझावे l

ध्वज पताका मंद पे है सजे, अखंड ज्योति में आप विराजे l

सदियों पुराणी ज्योति तुम्हारी, धन्य हुई जन्म भूमि हमारी l

शहीद हमारे यहाँ पुजाते, मातृ भक्ति सन्देश सुनाते l

जगत पित्तरो सिधांत हमारा, धर्म जाति का नहीं है नारा l

हिन्दू, मुस्लिम सिख इसाई सब पूजे पित्तर भाई l

हन्दू वंश है हमारा जन से ज्यादा हमको प्यारा l

गंगा ये मरू प्रदेश की, पितृ तर्पण अनिवार्य परिवेश की l

बंधू छोड़ा ना इनके चरणा इन्ही की कृपा से मिले प्रभु शरणा l

चौदस को जागरण करवाते, अमावास को हम धोक लगाते l

जाट जडूला सभी मानते, नंदीमुख श्राद्ध सभी करवाते l

धन्य जन्म भूमि का वो फुल है, जिसे पितृ मंडल की मिली धुल है l

श्री पित्तर जी भक्त हितकारी, सुन लीजे प्रभु अरज हमारी l

निशिदिन ध्यान धरे जो कोई, ता सैम भक्त और नहीं कोई l

तुम अनाथ के नाथ सहाई, दिनन के हो तुम सदा सहाई l

चारिक वेद प्रभु के साखी, तुम भक्तन की लज्जा राखी l

नाम तुम्हारो लेट जो कोई, ता सैम धन्य और नहीं कोई l

जो तुम्हारे नित पांव पलोटत, नवो सिद्ध चरणा में लोटत l

सिद्धि तुम्हारी सब मंगलकारी, जो तुम पे जावे बलिहारी l

जो तुम्हारे चरणा चित्त लावे, ताकि मुक्ति अवसी हो जावे l

सत्य भजन तुम्हारो जो गावे, सो निश्चय चारो फल पावे l

तुमही देव कुलदेव हमारे, तुम्ही गुरुदेव प्राण से प्यारे l

सत्य अस मन में जो होई, मनवांछित फल पावे सोई l

तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई, शेष सहस्त्र मुख सके न गाई l

मै अतिदीन मलिन दुखारी, करहु कौन विधि विनय तुम्हारी l

अब पत्तर जी दया दीं पर कीजै, अपनी भक्ति शक्ति कछु दीजै l

|| दोहा ||

पितरो को स्थान दो, तीरथ और स्वयं ग्राम l

श्रद्धा सुमन चढ़े वहा, पूरण हो सब काम l

झुंझन धन विराजे है, पित्तर हमारे महान l

दर्शन जीवन सफल हो, पूजे सकल जहान ||

जीवन सफल जो चाहिए, चले झुंझनू धाम l

पित्तर चरण की धुल ले, हो जीवन सफल महान l

|| इति पितर चालीसा समाप्त ||

Disclaimer :- प्यारे दोस्तों इसी तरह के सनातन धर्म के पूजा-पाठ से सम्बन्धित चालीसा पीडीएफ डाउनलोड करने के लिए आप हमारे वेबसाइट pdfkiduniya.in पर विजिट करते रहे l किसी भी तरह के जानकारी/मान्यताओ की पुष्ठी यह वेबसाइट नहीं करता है l

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